हरे कृष्ण दोस्तों आपका स्वागत है। हमारे नई पेज पर अग़र Ishq Shayari In hindi में ढूंढ़ रहे हो तो आप सगी जगाह पर आए हो। यह आपको Ishq shayari in hindi on life, Ishq shayari in hindi text, Ishq shayari in hindi 4 lines, Ishq Shayari in Hindi 2 Lines मिला जाये गई।
आसा करता हु आपको हमारी शायरी आपको पसंद आए होंगी।
Ishq Shayari In hindi

हम प्रोफेसर रह चुके इश्क मे,
आप अभी नये है तैयारी कीजिये।
बेचैनी बढ़ जाएगी और याद किसी की आएगी,
तुम मेरी ग़ज़लें गाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा ।
किस बात का कैसा सज़ा दिया ये इश्क,
ना जीना रास आया ना मरना।

जो उम्र भर ना मिल सके ,
उसे उम्र भर चाहना इश्क़ है।
कलम पूछती है,कागज़ से बता के क्या लिखूँ,
इश्क को इश्क ही रहने दूँ, के तुझे खुदा लिखूँ।
जिंदगी है चार दिन की कुछ भी ना गिला कीजिए
दवा…जहर…जाम…इश्क… जो मिले मजा लीजिए।

इश्क़ को हसीन बताने वालों लगता है,
तुम्हारी मोहब्बत अभी नई नई है।
इश्क में सब कुछ कुबूल,
फिर वो चाहे दर्द दे या सुकून।
मजबूरी तुम्हारी थी अकेली मैं रह गयी,
इश्क पूरा करके भी अधूरी मैं रह गयी।
अल्फाजों में तुम इश्क बरसाने लगे हो,
लगता है अंज़ाम से गुमनाम होने लगे हो।
Ishq shayari in hindi on life

हमने देखा था शौक-ऐ-नजर की खातिर,
ये न सोचा था के तुम दिल मैं उतर जाओगे।
लिख तू कुछ ऐसा ऐ-दिल, जिसे पढ़,
वो रोये भी ना और, रात भर सोये भी ना।
लफ्जो की कमी हैं आजकल,
दिल कि मरम्मत चल रही हैं।

ख्वाहिश तो थी मिलने की… पर कभी कोशिश नही की,
सोचा के जब खुदा माना है तुजको तो बिन देखे ही पूजेंगे।
छीन कर हाथो से सिगार वो कुछ इस अंदाज़ से बोली,
कमी क्या है इन होठोंमें जो तुम सिगरेट पीते हो।
अल्फ़ाज़ चुराने की ज़रूरत ही ना पड़ी कभी,
तेरे बे-हिसाब ख्यालों ने बे-तहाशा लफ्ज़ दिए।

मैकदे बंद करे चाहे लाख जमाने वाले,
शहर में कम नहीं आँखों से पिलाने वाले।
शायद तेरा नजरिया मेरे नजरिए से अलग था
तू वक्त गुजार ना चाहती थी, और मे जिन्दगी।
कोशिश बहुत थी कि राजे अहसास बयाँ न हो,
पर मुमकिन कहाँ था कि आग लगे और धुआँ न हो।
मुझे खींच ही लेती है हर बार उसकी मोहब्बत,
वरना बहुत बार मिला हूँ आखिरी बार उससे।
Ishq shayari in hindi text

हुस्न इक दिलरुबा हुकूमत है,
इश्क़ इक क़ुदरती ग़ुलामी है।
इक रोज़ खेल खेल में हम उस के हो गए,
और फिर तमाम उम्र किसी के नहीं हुए।
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन के शिकवे अब कहाँ,
अब तो ये बातें भी ऐ दिल हो गईं आई गई।

जज़्बा-ए-इश्क़ सलामत है तो इंशा-अल्लाह,
कच्चे धागे से चले आएँगे सरकार बंधे।
क्या मिला तुम को मिरे इश्क़ का चर्चा कर के,
तुम भी रुस्वा हुए आख़िर मुझे रुस्वा कर के।
ये मोहब्बत भी एक नेकी है,
इस को दरिया में डाल आते हैं।

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी,
लोग बे-वज्ह उदासी का सबब पूछेंगे।
‘सहर’ अब होगा मेरा ज़िक्र भी रौशन-दिमाग़ों में,
मोहब्बत नाम की इक रस्म-ए-बेजा छोड़ दी मैं ने।
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए,
अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए।
मुझे तो क़ैद-ए-मोहब्बत अज़ीज़ थी लेकिन,
किसी ने मुझ को गिरफ़्तार कर के छोड़ दिया।
Ishq shayari in 4 lines

मै भी तुम्हारे इश्क में मशहूर हो गया हूँ
तुमसे दिल लगाने को मजबूर हो गया हूँ
अब और न तड़पाओ अपने इस दीवाने को
पहले जुदाई में टूट के चूर-चूर हो गया हूँ।
मै भी इश्क कोई गुनाह कर रहा हूँ
टूट के चाहता हूँ तुम्हे आगाह कर रहा हूँ
मेरे इस चाहत का कुछ तो सिला मिले
हर रात तेरी याद में खुद को तबाह कर रहा हूँ।
तेरे इश्क की गली से नजर हटती नहीं है
बेचैन हो रात हूँ रात कटती नही है,
परिंदों की तरह परवाज करना है मुझे
लेकिन धुंध तेरे चाहत की छटती नहीं है।

इश्क के गहरे समंदर में उतर कर देखना है
डूबना है इसमें और फिर तैर कर देखना है
किनारा मिलता है या लहर डूबाती है मुझे
तुम्हारे आखों के सागर में डूब कर देखना है।
इश्क में सारी हदों को मै पार कर कर रहा हूँ
ऐसी गलती जिदगानी में पहली बार करा रहा हूँ
चाहत के संदर की गहराई तक उतर चूका हूँ
बस यही काम है प्यार, प्यार बस प्यार कर रहा हूँ।
राज सारे दिल के जुबां तक आ गए
हम भी कहाँ से चलके कहाँ तक आ गए
इश्क का सफ़र बस यूं ही कट रहा है
चाहत के रास्ते से दिलके मकां तक आ गए।

तुमसे आशिकी का हुनर सीखा है हमने
दरदे-दिल और दरदे-जिगर सीखा है हमने
किस तरह टूट के चाहना है किसी को
कैसे नजरो का होता है असर सीखा है हमने।
आखों में तुमने कोई राज छुपा रखा है
आशिकी का निराला अंदाज छुपा रखा है
हाले-दिल अक्सर सुना होगा तुमने हमारा
टूटे दिल का खनकता साज छुपा रखा है।
तेरे सिवा मुझको कुछ और भाता नहीं है
नजरो में और कुछ नजर आता नहीं है
मै अकेली तन्हाई सी महसूस करती हूँ
जब तक मेरे सामने मुस्कराता नहीं है ।
टकरा के शीशा पत्थर से चूर-चूर हो गया है
दिल मेरा इश्क में फिर से मजबूर हो गया है
मै लाख छुपा के रखता था महफ़िल से इसे
तुमसे इश्क करके बहुत मशहूर हो गया है।
Ishq Shayari in Hindi 2 lines

सजा तो मुझे मिलना ही थी मोहब्बत में,
मैंने भी तो कई दिल तोड़े थे तुझे पाने के लिए।
जो न मानो तो फिर तोल लेना तराजू के पलड़ों पर,
तुम्हारे हुस्न से कई ज्यादा मेरा इश्क भारी है।
मैं तेरे नसीब कि बारिश नहीं जो तुजपे बरस जाऊं,
तुजे तक़दीर बदलनी होगी मुझे पाने के लिए।

पलकों की हद को तोड़ कर दामन पे आ गिरा,
एक अश्क़ मेरे सब्र की तौहीन कर गया।
गुनाह है गर इश्क तो,
कबूल है मुझे हर सज़ा इश्क की।
शायरी मेरा शौक नहीं,
ये तो मोहोब्बत की कुछ सज़ाएं है।

चले जाएंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,
कदर क्या होती है ये तुझे वक्त सिखा देगा।
मोहब्बत भीख है शायद,
बड़ी मुश्किल से मिलती है।
तूम्हारे बाद मेरा कोन बनेगा हमदर्द,
मैंने अपने भी खो दीए.. तूम्हे पाने कि जीद मे।
परेशान न हो मै गम मै नहीं हुं,
सिर्फ मुस्कराने की आदत चली गई हैं।
इन्हे भी पढ़े :-