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Humsafar Shayari
हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश हैं,
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनों।
हमसफ़र साथ हो तो बुढ़ापे में भी,
खूबसूरती झलकती है।
तेरे इश्क़ में खो जाना चाहता हूँ,
तेरे संग ही जन्नत पाना चाहता हूँ।
तुम्हारे साथ जीना चाहते हैं हम,
मगर तुम पर मरना नहीं छोड़ेंगे हम।
जरूरते भी जरुरी है जीने के लिये लेकिन,
तुझसे जरूरी तो जिंदगी भी नहीं।
हर राह पर तेरा नाम लिखा है,
मेरा हर सफर तुझसे सजा है।
हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश हैं,
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनों।
तेरे प्यार में डूब जाना चाहता हूँ,
तेरे संग ही जन्म लेना चाहता हूँ।
दिल में अब कोई हूक नहीं,
बस कुछ यादें और कुछ निशानियाँ हैं।
कैसा है ये बेक़रारी का सब,
जानो तुम भी कि इंतज़ार तुम्हारा है।
Humsafar Shayari 2 लाइन
खूबसूरत हैं रास्ते अगर तुम साथ दो,
बिना हमसफर इस सफ़र पर कौन चले।
आप हो हमसफ़र इसलिए,
सुहाना लग रहा है हर सफर।
तेरे प्यार में डूब जाना चाहता हूँ,
तेरे संग ही जन्म लेना चाहता हूँ।
बातें तो हर कोई समझ लेता है,
हमसफर ऐसा हो जो खामोशी भी समझे।
एक ही मंजिल है उनकी एक ही है रास्ता,
क्या सबब फिर हमसफ़र से हमसफ़र लड़ने लगे।
रहे जिंदगी में यह कहानी सभी की है,
हमराज कोई और है हमसफर कोई और है।
जिंदगी की राहों में मुस्कुराते रहो हमेशा,
उदास दिलों को हमदर्द तो मिलते हैं हमसफर नहीं।
तेरे हाथों का सहारा है ज़िंदगी का रास्ता,
तेरे साथ चलना ही मेरा ख्वाब है।
मेरा सफ़र अच्छा है लेकिन मेरा,
हमसफर उससे भी अच्छा है।
तेरे इश्क़ में खो जाना चाहता हूँ,
तेरे संग ही जन्नत पाना चाहता हु।
Humsafar shayari in hindi
बातें तो हर कोई समझ लेता है,
हमसफर ऐसा हो जो खामोशी भी समझे।
हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश है,
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनो।
बातें तो हर कोई समझ लेता है,
हमसफर ऐसा हो जो खामोशी भी समझे।
अब इस के बाद घने जंगलो की मंजिल है,
ये वक़्त है के पलट जाएँ हमसफ़र मेरे।
सुन मेरे हमसफ़र, क्या तुझे इतनी सी भी खबर,
की तेरी साँसे चलती जिधर,रहूँगा बस वही उम्र भर।
रौनक आ गई है मेरे जीवन में यहां वहां,
तुम सा हमसफ़र होगा कहाँ।
बेशक मुझमें कोई कमी नही है,
पर शायद हम हमसफर ही नही है।
फिरते हैं कब से दरबदर अब इस नगर अब उस नगर,
एक दूसरे के हमसफ़र, मैं और मेरी आवारगी।
हमसफ़र साथ हो तो बुढ़ापे में भी,
खूबसूरती झलकती है।
हमसफ़र खूबसूरत हो या ना हो,
लेकिन सच्चा होना चाहिए।
खुबशुरत हमसफर शायरी
हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश हैं,
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनों।
सफर में चलते चलते, अक्सर हाथ छूड़ जाते हैं,
जुदा कहां हो जाते हैं हमसफ़र, मगर हां रूठ जाते हैं।
अब इस के बाद घने जंगलो की मंजिल है,
ये वक़्त है के पलट जाएँ हमसफ़र मेरे।
जो उम्र भर साथ निभाए वही हमसफर होता है,
वरना लोग साथ जीने-मरने की कसमें बिना सोचे खा लेते हैं।
हमसफर बन गए हमनवा बन,
तुम मेरे आसमां मेरी जमीन बन गए।
ना पूछो हमसफर से दूर रहकर कैसा लगता है,
बेसब्री से बस उनसे मिलने का इंतजार रहता है।
जिंदगी की राहो में मिलेंगे तुम्हें हजारों हमसफर,
लेकिन उम्र भर भूल ना पाओगे वह मुलाकात हूँ मैं।
जो उम्र भर साथ निभाए वही हमसफर होता है,
वरना लोग साथ जीने-मरने की कसमें बिना सोचे खा लेते हैं।
उम्र भर का पसीना, उसकी गोद मे सुख जायेगा,
हमसफर क्या चीज है, ये बुढापे मे समझ आयेगा।
सफर में चलते चलते, अक्सर हाथ छूड़ जाते हैं,
जुदा कहां हो जाते हैं हमसफ़र, मगर हां रूठ जाते हैं।
Humsafar shayari 2025
सफर की थकान भी मीठी लगती है,
जब तेरा हाथ मेरे हाथ में होता है।
तेरे बिना ये रास्ते सुनसान से लगते हैं,
तेरे साथ ये सफर हसीन सा लगता है।
जो लोग उड़ाया करते थे मेरे इस सफर का मजाक,
धीरे धीरे वो भी मेरे हमसफर बन गए।
कैसा है ये बेक़रारी का सबब,
जानो तुम भी कि इंतज़ार तुम्हारा है।
आपके आने से ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है,
दिल में बसी है जो वो आपकी ही सूरत है।
जो उड़ाते थे मेरे सफर का मजाक,
रफ्ता रफ्ता मेरे हमसफ़र हो गए।
तेरा नाम लबों पे आ जाए बस,
हर सफ़र मेरा तब ख़ास बन जाए बस।
तेरे बिना ये सफर अधूरा है,
तेरे साथ हर मंज़िल पूरी है।
तेरे साथ चलने की चाह में,
हर रास्ता खूबसूरत लगने लगा है।
हमसफ़र चाहिए हुजूम नहीं,
इक मुसाफ़िर भी क़ाफ़िला है मुझे।
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