- राम राम दोस्तों स्वागत है आपका हमारे नई पोस्ट में। आज़ हमारे आपके लिए लकर आए है Intzaar shayari जो आपको पसंद आए गी। हमरे पास और भी शायरी है जैसे ( इंतज़ार शायरी दर्द भरी, Intezaar shayari on life, Intezaar shayari attitude, इंतज़ार शायरी 4 लाइ ) जो बहुत अच्छी है।
अग़र आप किसीका इंतज़ार कर रहे हो और आपको Intzaar shayari चाहिए तो आप सही जगाह पर आए हो। आसा करता हु की हमारी शायरी या आपको पसंद आए होंगी।
Intzaar shayari

फरियाद कर रही है यह तरसी हुई निगाह,
देखे हुए किसी को ज़माना गुजर गया।
किन लफ़्ज़ों में लिखूं मैं अपने इन्तज़ार को तुम्हें,
बेज़ुबां है इश्क़ मेरा ढूंढता है ख़ामोशी से तुझे।
ये कह-कह के हम दिल को समझा रहे हैं,
वो अब चल चुके हैं वो अब आ रहे हैं।

संभव ना हो तो साफ मना कर दें पर किसी,
को अपने लिए इंतजार ना करवाएं।
कब आ रहे हो मुलाकात के लिये,
हमने चाँद रोका है एक रात के लिये।
भूली बिखरी सभी यादें जला जाऊंगा
थोड़ा दर्द कम होने दो मैं चला जाऊंगा।

प्रेम का चक्रव्यू तोड़ना संभव नहीं
इसमें फसने वाला हर शख्स अभिमन्यु है।
सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है
उधर ही ले चलो कश्ती जिधर तूफान आया है।
लूटे मज़े उसी ने तेरे इंतज़ार के,
जो हद-ए-इंतज़ार से आगे निकल गया।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।
इंतज़ार शायरी दर्द भरी

तेरे इंतज़ार में बैठा हूँ मैं,
तुझे याद कर कर के जीता हूं।
तेरे लौट आने की उम्मीद गंवाए बैठा हूं,
अब भी तुझ से दिल लगाए बैठा हूं।
इंतज़ार की राहों में, दर्द कम है,
तेरी यादों से सहने सब सितम है।

हर आहट पर तेरा गुमान होता है,
इंतज़ार का भी अपना सम्मान होता है।
इंतज़ार मेरी सज़ा बन गयी है,
तेरी यादों को धुंधला कर गयी है।
तेरे वादे पर ऐतबार करते हैं,
इंतज़ार में तेरी उम्र गुज़ार देते हैं।

इंतज़ार भी अजीब चीज़ होती है,
जिसे ना आना हो उसी की आस होती है।
इंतज़ार से तेरे मेरे अंदर डर बसता है
हर आहट पर तेरा नाम लगता है।
इंतज़ार की आग में जलते रहेंगे,
तेरी यादों के फूल ज़िंदगी भर महकते रहेंगे।
तू आएगा, बस इसी आस में बैठे हैं,
मत पूछ तेरे बिना सांस कैसे लेते है।
Intezaar shayari on life

जब मेरी सच्ची मोहब्बत रंग लाएगी,
इंतज़ार की घड़ियां तब गवाही बन जाएगी।
हर उस लम्हा तुझे सोचा है,
जिस पल मैने तुझे खोया है।
मरे हुए लोग ही नही साहब,
कभी-कभी जिंदा लोग भी वापस नहीं आते।

इंतज़ार की हदों को पार कर जाऊं,
तेरी राह देखते देखते कही मर ना जाऊं।
इन्सान तारो को जब देखता है दोस्त,
जब जमीन पर कुछ खो दिया हो।
तेरी राह तकते तकते थक गए
अब तो आ भी जाओ, बहुत दिन हो गए।

इंतज़ार के इस मौसम में सूनापन साथ है,
वो नहीं बस उसकी याद साथ है।
एक अरसा गुजरा आप से तुम होने में,
एक लम्हा लगा उस तुम को गुम होने में।
ना पहले जैसे दिन, ना पहले जैसे रात रहे,
ना पहले जैसे हम, ना हमारे हालात रहे।
सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है,
उधर ही ले चलो कश्ती जिधर तूफान आया है।
Intezaar shayari attitude

एक रात वो गया था जहाँ बात रोक के,
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के।
रोज तेरा इंतजार होता है रोज ये दिल बेक़रार होता है,
काश के तुम समझ सकते के चुप रहने वालों को भी प्यार होता है।
गर रूठ जाये कोई अपना तो झट से मना लो उसे,
रिश्ते अक्सर बिखर जाते है इक दूजे के इंतज़ार में।

किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इन्तजार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूँढता है खामोशी से तुझे।
मुझे इंतज़ार करना बेहद पसंद है,
क्योंकि ये वक़्त उम्मीद से भरा होता है।
दिल को था आपका बेसबरी से इंतजार,
पलके भी थी आपकी एक झलक को बेकरार,
आपके आने से आयी है कुछ ऐसी बहार,
कि दिल बस मांगे आपके लिये खुशियाँ बेशुमार।

उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह कहा था अलविदा,
आज भी वहीं खड़ा है दिल उसके आने के इंतज़ार में।
फिर आज कोई ग़ज़ल तेरे नाम न हो जाये,
कहीं लिखते लिखते शाम न हो जाये,
कर रहे हैं इंतज़ार तेरी मोहब्बत का,
इसी इंतज़ार में ज़िन्दगी तमाम न हो जाये।
मरे हुए लोग ही नही साहब,
कभी-कभी जिंदा लोग भी वापस नहीं आते
एक अरसा गुजरा आप से तुम होने में,
एक लम्हा लगा उस तुम को गुम होने में।
इंतज़ार शायरी 4 लाइ

फासले मिटाकर आपस में प्यार रखना,
प्यार का रिश्ता यूँही बरकरार रखना,
बिछड़ जाएं कभी आप से हम,
तो आँखों में हमेशा हमारा इंतज़ार रखना।
हाथ कि लकीरों पर ऐतबार कर लेना,
भरोसा हो तो किसी से प्यार कर लेना,
खोना पाना तो नसीबों का खेल है,
ख़ुशी मिलेगी बस थोड़ा इंतज़ार कर लेना।
वो होते अगर मौत, तो मौत से भी न इंकार होता,
मर भी जाते अगर मिला उनका प्यार होता,
क़ुबूल कर लेते हर सजा,
अगर उनकी आँखों में हमारा इंतज़ार होता।

कभी जज़्बात तोह कभी यादवों को दफ़न करते हैं,
कभी आँसू तोह कभी दर्द पिया करते है.
मोहताज तो नहीं हम फिर भी,
आप के प्यार का इंतज़ार किया करते है।
दूरियां ही सही पर देरी तो नहीं,
इंतज़ार भला पर जुदाई तो नहीं,
मिलना बिछड़ना तो किस्मत है अपनी,
आखिर इंसान हैं हम फ़रिश्ते तो नहीं।
किस्मत ने तुमसे दूर कर दिया,
अकेलेपन ने दिल को मज़बूर कर दिया,
हम भी ज़िंदगी से मुँह मोड़ लेते मगर,
तुम्हारे इंतज़ार ने जीने पर मज़बूर कर दिया।

उनकी अपनी मरजी हो,
तो वो हमसे बात करते है,
और हमारा पागलपन देखो क़ि
सारा दिन उनकी मरजी का इंतजार करते है।
इंतज़ार तो बहुत था हमें,
लेकिन आये न वह कभी,
हम तो बिन बुलाये ही आ जाते,
अगर होता उन्हें भी इंतज़ार कभी।
फिर आज कोई ग़ज़ल तेरे नाम न हो जाये,
कहीं लिखते लिखते शाम न हो जाये,
कर रहे हैं इंतज़ार तेरी मोहब्बत का,
इसी इंतज़ार में ज़िन्दगी तमाम न हो जाये।
ज़ख्म इतने बड़े हैं इज़हार क्या करें,
हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें,
मर गए हम लेकिन खुली रह गयी ऑंखें,
अब इससे ज्यादा किसी का इंतज़ार क्या करें।
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