राम राम मेरे सभी भाई यों को हमारे नई पेज पर। अग़र आप किसी को चाहते है और आपको Chahat Shayari ढूंढ़ रहे हो तो आप बल्किल सही जगाह पर आए है, यहाँ आपको, बेपनाह चाहत शायरी 2 Line, चाहत शायरी हिंदी, Chahat In 2 lines और Chahat shayari 2025
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आसा करता हु की आप को हमारी शायरी आपको पसंद आए गी।
Chahat Shayari

तेरा ज़िक्र तेरी फ़िक्र तेरा एहसास तेरा ख्याल,
तू खुदा तो नहीं फिर हर जगह क्यों है।
मेरी भी एक चाहत थी, मरते दम तक तेरे साथ चलने की,
वरना मोहब्बत तो किसी-से भी हो सकती है।
लम्हों की पंखुड़ियां बिखरने लगी है,
अब तेरी यादो की चाहत निखरने लगी है।

तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया,
होता तो चाहत की डगर का मैं भी राही बन गया।
तेरे ख्याल में जब बेख्याल होता हूँ,
जरा सी देर को ही सही बेमिसाल होता हूँ।
जरूरी नही तुम मेरा हर कहना मानो,
दहलीज पर रख दी चाहत अब आगे तुम जानो।

तेरी चाहत मेरे संग अगर पूरी नही,
तो मेरी चाहत भी तेरे बिना अधूरी नही।
इश्क़ में तेरे, मेरा यू वजूद मिट रहा है,
अब न कहना ये मुझे तेरे जिस्म की चाहत है।
वादे वफ़ा के और चाहत जिस्म की,
अगर ये मोहब्बत है तो फिर हवस किसे कहते है।
खोजने चला था एक शख्श की चाहत को,
खुद को ही खो दिया उसकी मोहब्बत में।
बेपनाह चाहत शायरी 2 Line

ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी,
तुझे देखने की चाहत है।
चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गये
हो तुम हर सांस में यू आते जाते हो जैसे
मेरी इबादत बन गये हो तुम।
इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले,

एक आरजू है मेरी आओ ख़्वाब में एक बार दुआ है,
उस रात कभी सुबह ना हो।
और परिंदे सोचते है उन्हें रहने के लिए घर मिले।
जनाब ये इश्क मेरा उसे रास ना हुआ
उड़ाया था मजाक जिसने मेरा
जब आप होते हैं तो हम होश में कहाँ होते हैं।
मेरी चाहत का एहसास भी ना होगा उसे,

उसकी हर अदा पसन्द आई बेवफाई के सिवा।
चाहत फिक्र इम्तेहान सादगी वफा,
मेरी इन्हीं आदतों ने मुझे मरवा दिया।
हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का
ऐसा मज़ा तुम लोगों से कहते फ़िरोगे
मुझे चाहो उस की तरह।
महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह,
गए ये रस्म-ए-अंजुमन है चाहत का गुमाँ न कर।
उसे ही मेरी चाहत का एहसास ना हुआ।
बहके बहके ही अंदाज-ए-बयां होते हैं,
चाहत शायरी हिंदी

ढूढने चला था एक शख्स की चाहत,
खुद को भी खो दिया उसकी मोहब्बत मे।
जनाब ये इश्क मेरा उसे रास ना हुआ,
उड़ाया था मजाक जिसने मेरा,
उसे ही मेरी चाहत का एहसास ना हुआ।
तू चाहत है तू जरूरत है तू इबादत है तू,
मजहब है खुदा क्यों हो नाराज़ हमसे ये,
उसकी ही बनाई मोहब्बत है।

मेरी चाहत का एहसास भी ना होगा उसे,
उसकी हर अदा पसन्द आई बेवफाई के सिवा।
वादे वफ़ा के और चाहत जिस्म की,
अगर ये मोहब्बत है तो फिर हवस किसे कहते है।
उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बँधे है,
वो साथ भी नही और हम अकेले भी नही।

तेरी चाहत मेरे संग अगर पूरी नही,
तो मेरी चाहत भी तेरे बिना अधूरी नही।
दर्द की चाहत किसे होती है मेरे यारो,
ये तो मोहब्बत के साथ मुफ़्त में मिलता है।
कुछ तो है कहीं ये जो थोड़ा प्यार-सा है,
नशा है तेरा चाहत या इक ख़ुमार-सा है।
इंसान की चाहत कि उङने को पर मिले,
और परिंदे सोचते है कि रहने को घर मिले।
Chahat In 2 lines

एक आरजू है मेरी आओ ख़्वाब में एक बार,
दुआ है, उस रात कभी सुबह ना हो।
इस जिंदगी में इतनी सी खुवाईश है मेरी,
बस आखिरी साँस तक तुम्हारा साथ हो।
इश्क़ में तेरे, मेरा यू वजूद मिट रहा है,
अब न कहना ये मुझे तेरे जिस्म की चाहत है।

ये जमाना बदल गया, यहाँ रहने वाले लोग बदल गए,
जो बदला नही वो है मेरी चाहत तुम्हारे लिए।
उनकी मोहब्बत में हम कुछ यूं बँधे है
उनके पास ना होते हुए भी हैं उनके
दिल से बँधे है।
इस जमाने मे कोई किसी का नही है, लाश को,
श्मशान में रखकर अपने लोग ही पूछते है,
और कितना ‘टाइम’ लगेगा।

तेरी मोहब्बत तो शायद एक सपना है, मिले ना मिले,
पर राहत जरूर मिल जाती है, तुम्हे अपना सोचकर।
मेरी भी एक चाहत थी, मरते दम तक तेरे साथ चलने,
की, वरना मोहब्बत तो किसी-से भी हो सकती है।
इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले,
और परिंदे सोचते है उन्हें रहने के लिए घर मिले।
चाहत का सिलसिला तो दोनों तरफ से था, लेकिन,
वो मेरी जान चाहती थी, और में उससे जान से ज्यादा।
Chahat shayari 2025

ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी,
तुझे देखने की चाहत है।
चाहत फिक्र इम्तेहान सादगी वफा।
मेरी इन्हीं आदतों ने मुझे मरवा दिया।।
हर कोई पाने की ज़िद में हैं, शायद मुझे कोई
आज़माने की ज़िद में है। जिसकी चाहत है
मुझे बेइंतेहा वो मुझे भूल जाने की ज़िद में है।

इतनी चाहत के बाद भी तुझे एहसास ना हुआ।
जरा देख तो ले दिल की जगह पत्थर तो नहीं।।
जरूरी नही तुम मेरा हर कहना मानो,
दहलीज पर रख दी चाहत अब आगे तुम जानो।दिल में चाहत का होना जरूरी है जनाब,
याद तो उधार लेने-देने वाले भी करते हैं
सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था,
वो मेरी जान चाहती थी
और मैं जान से ज्यादा उसे।

ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी।
तुझे ही देखने की चाहत रहती है।।
अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा
तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते
सुनो छुआ है जबसे मुझको तेरी चाहत ने,
वो लम्हे जागते रहते हैं रात भर मुझमें।
मोहब्बत में हर चीज कूबूल है यारा,
पर तेरी चाहतो का बँटवारा नही।
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